नमस्ते यीशु ने एक असाधारण और अद्भुत बात कही , “परमेश्वर के लिए सब कुछ सम्भव है” (मत्ती 19:26)। परमेश्वर के लिए सब कुछ संभव है। फिर भी हममें से कई लोग सोचते हैं कि कुछ चीज़ें परमेश्वर के लिए असंभव हैं। हम सोचते हैं कि ईश्वर केवल हमारे जैसे लोगों के माध्यम से ही […]
यीशु ने अपने शब्दों के बारे में क्या कहा?
नमस्ते यीशु ने कहा कि उसके शब्द सीधे परमेश्वर की ओर से आते हैं। और उन्होंने यह बात सिर्फ एक बार नहीं कही: “मेरा उपदेश मेरा नहीं, वरन मेरे भेजनेवाले का है।” (यूहन्ना 7:16) “…जिसने मुझे भेजा है वह सच्चा है, और जो कुछ मैंने उससे सुना है, वही मैं जगत को बताता हूँ।” (यूहन्ना […]
परमेश्वर ने दो बार कहा कि यीशु उसका पुत्र है।
नमस्ते दो अवसरों पर, मानवीय गवाहों ने परमेश्वर को ऐसी आवाज़ में बोलते हुए सुना जिसे वे समझ सकते थे, जिससे यह पुष्टि हुई कि यीशु उसका पुत्र था। इनमें से पहला अवसर यीशु का बपतिस्मा था। मत्ती, मरकुस और लूका में यह लिखा है: …अचानक उसके लिये स्वर्ग खुल गया और उसने परमेश्वर के […]
यीशु ने मसीही होने के बारे में क्या कहा? “Follow Me”.
नमस्ते यीशु ने अपने अनुयायियों को ईसाई नहीं कहा। “ईसाई” शब्द यीशु के समय में अस्तित्व में नहीं था और उनके हमारे ग्रह से भौतिक रूप से चले जाने के काफी समय बाद तक इसका प्रयोग नहीं हुआ। अतः, यीशु ने ईसाई होने के विषय में कुछ नहीं कहा। लेकिन एक ईसाई वह व्यक्ति है […]
यीशु अपने अनुयायियों से क्या करना चाहता है?
नमस्ते यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे नये शिष्य बनाएं और उन्हें उसकी आज्ञाओं का पालन करना सिखाएं (मत्ती 28:20)। उसने यह भी कहा कि यदि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करेंगे, तो हम उसके प्रेम में जीवित रहेंगे (यूहन्ना 15:10)। इसलिए, यीशु की आज्ञाओं का पालन करना महत्वपूर्ण है। अच्छी खबर! हालाँकि […]